समाज के आखिरी छोर पर बैठा व्यक्ति हमारी आराधना का केन्द्र होना चाहिए, उसका उत्थान ही समाज के बलवान होने की कसौटी है। समाज के आखिरी व्यक्ति के कल्याण का प्रतिबद्ध विचार है अंत्योदय। यही दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय की परिभाषा है।
कोलकाता में इजीरा रिसर्च केंद्र में जूट इंडस्ट्री और रिसर्च वैज्ञानिकों के साथ जूट के भविष्य पर महत्वपूर्ण चर्चा हुई। जूट बायो-एथेनॉल, बायो-CNG और कॉटन-जूट से बने मेन वियर जैसे नए इनोवेशन न केवल सस्टेनेबिलिटी को बढ़ावा देंगे, बल्कि जूट किसानों की आय बढ़ाने और इंडस्ट्री के विकास में मील का पत्थर साबित होंगे।