Nation First - Party Next - Self Last
समाज के आखिरी छोर पर बैठा व्यक्ति हमारी आराधना का केन्द्र होना चाहिए, उसका उत्थान ही समाज के बलवान होने की कसौटी है। समाज के आखिरी व्यक्ति के कल्याण का प्रतिबद्ध विचार है अंत्योदय। यही दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय की परिभाषा है।
मुर्गियों के अपशिष्ट से वर्मीकम्पोस्ट
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